उदय/उदीरणा/अकाल मृत्यु

कुछ अपवादों के साथ छठवें गुणस्थान तक जिन कर्मों का उदय है उनकी उदीरणा भी अवश्य होती है ।
मनुष्यायु का हर समय उदय भी है तथा उदीरणा भी । पर इस उदीरणा से अकाल मॄत्यु नहीं होती, अकाल मृत्यु तो संपूर्ण उदीरणा से ही होती है ।
देव/नारकियों के प्रतिसमय प्रदेश उदीरणा होती है, इसलिये उनके अकाल मरण नहीं है ।

पं. मुख्तार जी – 439

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