उदयाभावी क्षय

उदयाभावी क्षय…
उदय का अभाव रूप क्षय।
जो कषाय उदय में आने के एक समय पहले ही अन्य कषाय रूप परिवर्तित होकर उदय मे आये।
1. परमुख उदय → एक समय पहले बदल जाय।
उदयाभावी क्षय जैसे अनंतानुबंधी अप्रत्याख्यान रूप, अप्रत्याख्यान प्रत्याख्यान रूप, प्रत्याख्यान संज्वलन रूप, बदल जाय।
2. स्वमुख उदय → जिस कषाय का जो स्वभाव है, उसी रूप फल मिले।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जिज्ञासा समाधान- 9 जून 2022)

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3 Responses

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने उदयाभावी की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है।

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