एकेन्द्रिय

तत्त्वार्थ सूत्र में एकेन्द्रिय का जो क्रम दिया है वह वैज्ञानिक है –
पहले पृथ्वी, इसके आधार से जल रहता है;
पृथ्वी और जल से कोयला/ अग्नि, पृथ्वी और अग्नि के बीच जल ज़रूरी वरना अग्नि, पृथ्वी को जला देती;
अग्नि की सहायक वायु (इससे ही Spread होती है);
अंत में वनस्पति जिसमें पहली चारों जरूरी हैं।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 2/13)

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One Response

  1. मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने एकेन्द़िय का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।

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