कंजूस का हश्र
समुद्र किसी को भी अपना जल ख़ुशी से नहीं देता हालाँकि इसकी वजह से वह खारा भी हो जाता है। खारा भी शायद इसीलिए होता होगा ताकि कोई पी न सके।
पर सूरज उसे तपा-तपा कर पानी छीन लेता है।
चिंतन
समुद्र किसी को भी अपना जल ख़ुशी से नहीं देता हालाँकि इसकी वजह से वह खारा भी हो जाता है। खारा भी शायद इसीलिए होता होगा ताकि कोई पी न सके।
पर सूरज उसे तपा-तपा कर पानी छीन लेता है।
चिंतन
4 Responses
कंजूस का मतलब लालची होता है।
उपरोक्त कथन सत्य है कि लालची जीव कभी भी सफल नहीं हो सकता है। अतः जीवन में कल्याण के लिए लालची न होकर उदारता होनी चाहिए। अतः इसके लिए यह सोचकर चलना चाहिए कि सब चीजें या वस्तु सभी नश्वर होती है।
Is post se “Paropkaar” ki importance ka bhi pata chalta hai !
परोपकार तो तब कहलाता जब समुद्र स्वेच्छा से देता।
यहाँ तो सूरज छीन लेता है।
Is wajah se hi “Paropkaar” karna chahiye.