कर्मोदय
कर्मोदय ऐसा ही है जैसे बांबी से बाहर आया हुआ साँप।
यदि आप उसे सहजता से देखते रहे उसमें Involve नहीं हुये तो वह सहजता से निकल जायेगा।
आपको काटेगा नहीं/ ज़हर फैलेगा नहीं।
मुनि श्री सुधासागर जी
कर्मोदय ऐसा ही है जैसे बांबी से बाहर आया हुआ साँप।
यदि आप उसे सहजता से देखते रहे उसमें Involve नहीं हुये तो वह सहजता से निकल जायेगा।
आपको काटेगा नहीं/ ज़हर फैलेगा नहीं।
मुनि श्री सुधासागर जी
2 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कर्मोदय का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में कर्मादय के समय देख भाल कर ही उपयोग करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
निष्कंटक निज कीजिए,
यदि कष्ट की आन।
समता को धारण करें,
है मानव पहचान।।