अगर इंसान छाँव देने वाले वृक्षों की कद्र ना करे,
तो
धूप उसका नसीब बन जाती है ।
(मंजू …🙏🏻)
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जैन धर्म में कर्म-सिध्यान्त का ही महत्वपूर्ण स्थान है।अतः कर्म-सिध्यान्त पर विश्वास करने वाले का ही जीवन का कल्याण हो सकता है।अगर इस कर्म सिध्यान्त को कद़ नही करता है उसका नसीब दुखदायी ही रहता है।
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जैन धर्म में कर्म-सिध्यान्त का ही महत्वपूर्ण स्थान है।अतः कर्म-सिध्यान्त पर विश्वास करने वाले का ही जीवन का कल्याण हो सकता है।अगर इस कर्म सिध्यान्त को कद़ नही करता है उसका नसीब दुखदायी ही रहता है।