सहन शक्ति
एक बार परम पूज्य मुनि गुरुवर श्री क्षमासागर महाराज जी की अस्वस्थ अवस्था में किसी ने पूछा कि आप इतनी वेदना कैसे सहन कर लेते हैं ?
तब महाराज जी ने कहा कि हमारी पीड़ा तो हमारे मुख पर आपको दिख जाती है। आचार्य महाराज जी तो अपनी पीड़ा किसी की नज़र तक में नहीं आने देते।
(यही अंत तक देखा भी गया)
One Response
उपरोक्त उदाहरण जो कल्पना के परे है, आचार्य श्री का दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में आचार्य श्री ने कभी अपनी पीडा़ का उल्लेख नहीं किया है बल्कि दूसरों की पीडा़ समाप्त करने का हमेशा प़यास किया है।