कषाय

11, 12, 13 गुणस्थान में कषाय नहीं है, भूतपूर्व नय की अपेक्षा से लेश्या कही गयी है ।
इनमें योग है और यह योग पहले कषाय से संयुक्त था, इसलिये उपचार से शुक्ल लेश्या कही गयी है ।

तत्त्वार्थ सूत्र टीका – P 95

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