एक प्रदेशी “काल” को, अप्रदेशी भी कहा है;
क्योंकि…
1. काल कभी बहुप्रदेशी नहीं बन सकता है ।
2. “एक” का महत्व नहीं जैसे एक पैसा जिसके पास है, उसे “पैसे वाला” नहीं कहते ।
“एक” तो आगे गिने जाने के लिये है ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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एक परमाणु आकाश में जितनी जगह घेरता है उतने आकाश को एक प़देश कहते हैं। काल का मतलब किसी क्षेत्र में स्थित पदार्थ की मर्यादा का निश्चय करना काल नाम का अनुयोगद्वार है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि एक प़देशी काल को अप़देशी कहा गया है। अतः इसका मतलब कि काल कभी बहुप़देशी नहीं बन सकता है। जैसा उदाहरण दिया गया है कि एक का महत्व नहीं जैसे एक पैसा जिसके पास है,उसे पैसे वाला नहीं कहते लेकिन एक तो आगे गिने जाने के लिए है।
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एक परमाणु आकाश में जितनी जगह घेरता है उतने आकाश को एक प़देश कहते हैं। काल का मतलब किसी क्षेत्र में स्थित पदार्थ की मर्यादा का निश्चय करना काल नाम का अनुयोगद्वार है। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि एक प़देशी काल को अप़देशी कहा गया है। अतः इसका मतलब कि काल कभी बहुप़देशी नहीं बन सकता है। जैसा उदाहरण दिया गया है कि एक का महत्व नहीं जैसे एक पैसा जिसके पास है,उसे पैसे वाला नहीं कहते लेकिन एक तो आगे गिने जाने के लिए है।