अपनी किस्मत तो हर व्यक्ति खुद लिखता है पर लिखते समय मदहोश रहता है सो भूल जाता है कि क्या लिखा था। इसलिये ज्योतिषियों से पढ़वाने चला जाता है। वह भूल जाता है कि ज्योतिषी भूलों को सुधार नहीं सकता, यह पावर तो लिखने वाले के हाथ में ही है।
Share this on...
One Response
किस्मत का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जीवन में किस्मत स्वयं के द्वारा ही लिखी जाती है। अतः जीवन में किसी के भरोसे में नहीं रहना चाहिए तभी जीवन का कल्याण हो सकता है।
One Response
किस्मत का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जीवन में किस्मत स्वयं के द्वारा ही लिखी जाती है। अतः जीवन में किसी के भरोसे में नहीं रहना चाहिए तभी जीवन का कल्याण हो सकता है।