कुल / जाति
एक से चार इन्द्रियों तक नर/ मादा नहीं तो उत्पत्ति कैसे ?
कुल व जाति के परमाणुओं के मिलने से।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
(कुल तथा जाति के परमाणु Neutral होते हुए भी स्वभाव/ Difference वैसा ही होता होगा जैसा भाव से नपुंसक, द्रव्य से पुरुष तथा स्त्री रूप के निकट होते हैं…ब्र.डाॅ नीलेश भैया)
4 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने कुल एवं जाति का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। उपरोक्त कथन सत्य है।
कुल व जाति के परमाणु kya alag-alag hote hain ?
बिलकुल, कुल यानी पिता पक्ष के, जाति माँ पक्ष।
Okay.