क्रोध
बर्फ को आग भी गरम नहीं कर सकती ।
जल पी लेने से वह शरीर रूप Solid बन जाता है;
ऐसे ही हम क्रोध को पी जायें तो सामने वाले के अपशब्द हमको गरम नहीं कर पायेंगे ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
बर्फ को आग भी गरम नहीं कर सकती ।
जल पी लेने से वह शरीर रूप Solid बन जाता है;
ऐसे ही हम क्रोध को पी जायें तो सामने वाले के अपशब्द हमको गरम नहीं कर पायेंगे ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
क़ोध का मतलब अपने और दूसरे के अहित करने रुप क़ूर रुप परिणाम को कहते हैं। यह मनुष्य जीवन की बहुत बड़ी दुर्बलता होती है। अतः ऐसे ही हम क़ोध को पी जाएं तो सामने वाले के अपशब्द हमको गरम नहीं कर पायेंगे। जीवन में क़ोध को पी जाना आवश्यक है ताकि जीवन का उद्धार हो सके ।