क्षयोपशम-भाव

ज्ञानावरणादि  चारों घातिया कर्मों के क्षयोपशम होने पर, गुणों के अंश रहने से जो भाव आते हैं, उन्हें क्षयोपशम-भाव कहते हैं ।

पं. रतनलाल बैनाड़ा जी

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One Response

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि क्षयोपशम भाव के लिए ज्ञानवरणादि चारों घातिया कर्मों के क्षयोशयम होने पर गुणों के अंश रहने से जो भाव आते हैं, उसको ही क्षयोपशयम भाव कहते हैं।

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