अनंत गुणों का अनंतकाल के लिये लाभ को क्षायिक-लाभ कहते हैं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 2/5)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने क्षायिक लाभ का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने क्षायिक लाभ का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।