गत्यागति का मापदंड़ लेश्या है ।
इसीलिये मिथ्यादृष्टि भी नौवें ग्रेवियक तक जा सकता है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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4 Responses
लेश्या—जो आत्मा को शुभाशुभ कर्मो से लिप्त करे उसे कहते हैं।लेश्या छह प़कार की होती है. इनमे तीन शुभ और तीन अशुभ होती है।अतः गत्यागति का मापदंड़ लेश्या ही है, इसलिये मिथ्याद्वष्टि भी नौवे ग़ेवियक तक जा सकता है।
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लेश्या—जो आत्मा को शुभाशुभ कर्मो से लिप्त करे उसे कहते हैं।लेश्या छह प़कार की होती है. इनमे तीन शुभ और तीन अशुभ होती है।अतः गत्यागति का मापदंड़ लेश्या ही है, इसलिये मिथ्याद्वष्टि भी नौवे ग़ेवियक तक जा सकता है।
“गत्यागति” ka kya meaning hai?
गत्यागति = गति & आगति
किन-किन गतिओं में जा सकते हैं और किन-किन गतिओं से आ सकते हैं।
Okay.