गमन / विहार
गमन, साधारण जन का ;
विहार, साधुओं का/ अहिंसात्मक/ पैदल ;
भगवान का “श्री विहार” क्योंकि कमलों (लक्ष्मी का आसन/प्रतीक) पर होता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
गमन, साधारण जन का ;
विहार, साधुओं का/ अहिंसात्मक/ पैदल ;
भगवान का “श्री विहार” क्योंकि कमलों (लक्ष्मी का आसन/प्रतीक) पर होता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
उक्त कथन सत्य है कि गमन साधारण जनों के लिए होता है जबकि साधुओं का विहार अहिंसात्मक और पैदल ही चलते हैं। भगवान् का श्री विहार कमलों के आसन पर होता है।