गलती
गलती होने पर निरीह बनकर, क्षमा मत मांगो, दंड़ (प्रायश्चित) मांगो ।
ताकि उधारी (कर्मों की) समाप्त हो जाये, हिसाब बराबर हो जाये ।
मुनि श्री सुधासागर जी
गलती होने पर निरीह बनकर, क्षमा मत मांगो, दंड़ (प्रायश्चित) मांगो ।
ताकि उधारी (कर्मों की) समाप्त हो जाये, हिसाब बराबर हो जाये ।
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
Earlier the better, at least we save on interest.