घृणा और क्रोध अम्ल की तरह हैं।
वे उन्हीं बर्तनों को बर्बाद कर देते हैं जिनमें वे रखे होते हैं।
🙏 ब्र.रेखा दीदी 🙏
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3 Responses
उक्त कथन सत्य है कि घृणा और क़ोध अम्ल की तरह हैं जो जिन बर्तनों में रखा जाता है उन्हीं बर्तनों को नष्ट करता है। जीवन में जो घृणा और क़ोध रखता है उसका जीवन बर्बाद हो जाता है।
अतः इसका त्याग करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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उक्त कथन सत्य है कि घृणा और क़ोध अम्ल की तरह हैं जो जिन बर्तनों में रखा जाता है उन्हीं बर्तनों को नष्ट करता है। जीवन में जो घृणा और क़ोध रखता है उसका जीवन बर्बाद हो जाता है।
अतः इसका त्याग करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
“अम्ल” ka kya meaning hai please?
Acid.