चित्र
चित्र के साथ जब “वित्त”* जुड़ जाता है तब वह चित्र, विचित्र बन जाता है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
* जब चित्र(कला) से पैसा जुड़ जाता है, तब कला व्यवसाय बन जाती है/ अपना सौंदर्य खो देती है ।
चित्र के साथ जब “वित्त”* जुड़ जाता है तब वह चित्र, विचित्र बन जाता है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
* जब चित्र(कला) से पैसा जुड़ जाता है, तब कला व्यवसाय बन जाती है/ अपना सौंदर्य खो देती है ।
4 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि चित्र के साथ वृत यानी संसार जुड़ जाने पर विचित्र बन जाता है। अतः वृत यानी संसार से न जुड़कर अपने चित्र को अपने आचार विचार और संयम से जुडना आवश्यक है ताकि अपना चित्र वास्तविक हो सकता है।
“वृत्त” ya “वि” judne par, “विचित्र” word banega?
Correct kiya .
Okay.