जघन्य अवगाहना

सूक्ष्म अपर्याप्त निगोदिया की जन्म से तीसरे समय की, अंगुल के असंख्यातवाँ भाग (घनांगुल, किसी के हाथ का अंगुल नहीं, 8 अणु आदि से बढ़ते-बढ़ते लीक –> बाल –> अंगुल का घन)
कारण –> पहले समय में आयताकार, दूसरे में घन(Cube), तीसरे में गोल हो जाता है।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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6 Responses

  1. मुनि महाराज जी का जघन्य अवगाहन की परिभाषा का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! उपरोक्त कथन भी सत्य है कि आयु बढने पर पहिले समय में आयताकार, दूसरे में घन, तीसरे में गोल हो जाता है!

    1. अंगुल अपनी उंगली वाला।
      लीक भी एक unit है जो अंगुल से ज्यादा होता है।

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