जन्म के 45वें दिन बच्चे को मंदिर ले जायें,
पिता अभिषेक/पूजा करके बच्चे को गंधोदक लगायें,
माता/पिता 8 साल तक बच्चे के अष्टमूलगुण पालन कराने का संकल्प लें ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन आगम अनुसार सत्य है कि जन्म के 45 वें दिन बच्चे को मन्दिर ले जावें, पिता अभिषेक व पूजा करके बच्चे को गंधोदक लगाना आवश्यक है, इसके अतिरिक्त माता-पिता 8 साल तक बच्चे को अष्टमूल गुण का पालन कराने का संकल्प लेना आवश्यक है। अष्ट मूल गुण में मदिरा,मधु,मांस, रात्रि भोजन का त्याग, 5अदम्बर त्याग,जीव दया, पंचपरमेष्ठी स्तवन और जल गलन आदि श्रावक के होते हैं,उनका पालन करना आवश्यक है।
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन आगम अनुसार सत्य है कि जन्म के 45 वें दिन बच्चे को मन्दिर ले जावें, पिता अभिषेक व पूजा करके बच्चे को गंधोदक लगाना आवश्यक है, इसके अतिरिक्त माता-पिता 8 साल तक बच्चे को अष्टमूल गुण का पालन कराने का संकल्प लेना आवश्यक है। अष्ट मूल गुण में मदिरा,मधु,मांस, रात्रि भोजन का त्याग, 5अदम्बर त्याग,जीव दया, पंचपरमेष्ठी स्तवन और जल गलन आदि श्रावक के होते हैं,उनका पालन करना आवश्यक है।