गुज़रते दिनों का नहीं..
बल्कि
यादगार लम्हों का नाम है…
ज़िंदगी…
(सुरेश)
इसलिये ऐसे काम करें जिन्हें याद करके गर्व हो/ सुखद अनुभूति हो ।
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जिन्दगी जन्म से लेकर मरण तक है। आजकल इन्सान इस जिन्दगी में गोरख धन्धे में लगे रहते हैं जब की कुछ परमाथॅ के कायॅ करने का प्रयास किया जावे जिससे उनको हमेशा याद रखा जा सके। यह तभी संभव है कि वह धम॓ से जुडने का प्रयास करें तभी जीवन का कल्याण होगा।
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जिन्दगी जन्म से लेकर मरण तक है। आजकल इन्सान इस जिन्दगी में गोरख धन्धे में लगे रहते हैं जब की कुछ परमाथॅ के कायॅ करने का प्रयास किया जावे जिससे उनको हमेशा याद रखा जा सके। यह तभी संभव है कि वह धम॓ से जुडने का प्रयास करें तभी जीवन का कल्याण होगा।