जिसने पहले अपने को जान लिया, वह “पर” को जानने की जिज्ञासा क्यों करेगा !
आचार्य श्री विद्यासागर जी
Share this on...
One Response
प़त्येक जीव में आत्मा होती है, यदि कोई जीव अपनी आत्मा को पहिचान कर लेता है तो दूसरे की आत्मा को जानने का प्रयास नहीं करेगा।
अतः जीवन में स्वयं को जान लेता है तो पर को जानने की जिज्ञासा नहीं करेगा। जो अपनी आत्मा को जान कर अपनी आत्मा में चिपके विकारों को नष्ट करता है वही जीवन का कल्याण कर सकता हैं।
One Response
प़त्येक जीव में आत्मा होती है, यदि कोई जीव अपनी आत्मा को पहिचान कर लेता है तो दूसरे की आत्मा को जानने का प्रयास नहीं करेगा।
अतः जीवन में स्वयं को जान लेता है तो पर को जानने की जिज्ञासा नहीं करेगा। जो अपनी आत्मा को जान कर अपनी आत्मा में चिपके विकारों को नष्ट करता है वही जीवन का कल्याण कर सकता हैं।