जानने के साथ मानने वाले युधिष्ठिर,
और
सिर्फ़ जानने वाले दुर्योधन बनते हैं ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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4 Responses
उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है,
आजकल, अधिकांश लोग एवं पंडित, धर्म के बारे में जानते हैं लेकिन उसका पालन यानी मानते नहीं हैं; यह उनका दुर्भाग्य है, जिसका परिणाम वही होगा जो दुर्योधन के साथ हुआ था।अतः जानने के बाद, मानने का प्रयास करें; तभी जीवन का कल्याण होगा ।
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है,
आजकल, अधिकांश लोग एवं पंडित, धर्म के बारे में जानते हैं लेकिन उसका पालन यानी मानते नहीं हैं; यह उनका दुर्भाग्य है, जिसका परिणाम वही होगा जो दुर्योधन के साथ हुआ था।अतः जानने के बाद, मानने का प्रयास करें; तभी जीवन का कल्याण होगा ।
Can its meaning be explained please?
Knowledge तो दोनों को समान दी गयी/ दोनों ने समान रूप से ली,
पर दुर्योधन ने चारित्र में नहीं उतारा,
युधिष्ठिर ने उतार लिया ।
Okay.