उक्त कथन सत्य है कि ज्ञान मार्ग पर चलते चलते अगर किसी का नशा, खुशी और उमंग उत्साह गुम होने लगे तो निश्चित समझ लेना दूसरों को देखना शुरू कर दिया गया है। अतः जीवन में ज्ञान मार्ग पर चलना है तो पर द्वष्टि को भूलना चाहिए ताकि एकाग्रता बढ़ती है। Reply
One Response
उक्त कथन सत्य है कि ज्ञान मार्ग पर चलते चलते अगर किसी का नशा, खुशी और उमंग उत्साह गुम होने लगे तो निश्चित समझ लेना दूसरों को देखना शुरू कर दिया गया है।
अतः जीवन में ज्ञान मार्ग पर चलना है तो पर द्वष्टि को भूलना चाहिए ताकि एकाग्रता बढ़ती है।