डर

एक “माटी” का “दिया”
सारी रात अंधियारे से लड़ता है..

तू तो “भगवान” का “दिया” (हुआ) है,
तू किस बात से डरता है !

(सुरेश)

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One Response

  1. यह कथन बिलकुल सही है – – –
    माटी का दीया, तपने पर भी, अपना वज़ूद बनाये रखता है ।अतः मनुष्यों को तपने के लिए, संयम धारण करना चाहिए; तभी मोक्ष के रास्ते पर चल कर, अपना कल्याण कर सकेंगे ।

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