डर एक में नहीं, अनेक से होता है।
विडंबना, हम एक से अनेक होने के लिए भारी पुरुषार्थ करते रहते हैं।
आर्यिका पूर्णमति माता जी (4 अक्टूबर)
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने ड़र का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में उतना ही पुरुषार्थ करना परम आवश्यक है, जिससे डर की भावना नहीं रहना चाहिए।
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आर्यिका श्री पूर्णमती माता जी ने ड़र का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में उतना ही पुरुषार्थ करना परम आवश्यक है, जिससे डर की भावना नहीं रहना चाहिए।