तप
ये तन तेरा कोयला, धो-धो काला होय।
तप अग्नि में गर जले, चाँदी-चाँदी होय।।
घड़ा अग्नि में तप कर ही पानी को शीतलता प्रदान कर पाता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
ये तन तेरा कोयला, धो-धो काला होय।
तप अग्नि में गर जले, चाँदी-चाँदी होय।।
घड़ा अग्नि में तप कर ही पानी को शीतलता प्रदान कर पाता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
One Response
तप का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए तप करना परम आवश्यक है।