तीर्थंकर मुनि के आहार
तीर्थंकर मुनि अधिक से अधिक 6 माह के उपवास का नियम लेते हैं जैसे आदिनाथ भगवान ने लिया था।
आहार, श्रावकों को सिखाने के लिये नहीं लेते (छद्मस्थ अवस्था में तो वे उपदेश भी नहीं देते) बल्कि क्षुधा शांत करने के लिये ही आहार लेते हैं।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
4 Responses
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने तीर्थंकर मुनि के आहार को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
‘छद्मस्थ अवस्था में तो वे उपदेश भी नहीं देते’: Is line ka relevance clear karenge, please ?
जब उपदेश तक नहीं देते तो आहार की प्रक्रिया क्योंकर बतायेंगे !
Okay.