चिड़िया के बच्चे ने माँ से पूछा –
ये कैसा जीव है! चलता तो हमारी तरह दो पैरों से ही है पर दो हाथ क्यों हिलाता चलता है ?
ये मनुष्य है, इसको तो चार हाथ भी कम लगते हैं*।
चिंतन
* दो हाथ की जगह यदि चार हाथ होते।
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तृष्णा का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए तृष्णा के भाव नहीं रखना चाहिए।
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तृष्णा का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए तृष्णा के भाव नहीं रखना चाहिए।
Last sentence me ‘chaar haath’ ke jagah ‘do haath aur do pair’ nahi hona chahiye ? Ise clarify karenge, please ?
और क्लियर कर दिया ; अब ठीक है ?
“ये मनुष्य है, इसको तो चार हाथ भी कम लगते हैं*।
* दो हाथ की जगह यदि चार हाथ होते।”
Okay.