त्याग

मज़बूरी से त्याग करने  में पुण्य कम मिलता है, त्याग तो मज़बूती से होना चाहिये ।

वृद्धावस्था में इच्छायें कम होने से पुण्य कम मिलेगा, युवावस्था में उन्हीं चीजों का त्याग करने से पुण्य ज्यादा ।

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