दर्शन
1. मोक्षमार्ग का प्रदर्शन (दर्शन पाहुण)
2. निर्ग्रंथ मुनि के दर्शन
3. मान्यता/मत
4. निराकार रूप ग्रहण (आकार/प्रकार को ग्रहण न करके)
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
1. मोक्षमार्ग का प्रदर्शन (दर्शन पाहुण)
2. निर्ग्रंथ मुनि के दर्शन
3. मान्यता/मत
4. निराकार रूप ग्रहण (आकार/प्रकार को ग्रहण न करके)
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
4 Responses
मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि दर्शन मोक्ष मार्ग का रास्ता दिखाता है, इसमें भगवान्, निर्ग्रन्थ मुनि के दर्शन एवं दर्शन उसके मान्यता या मत, इससे निराकार रुप ग़हण हो सकता है।
Yeh kya “darshan” ki alag-alag paribhasha hai ?
सही
Okay.