बदलाव

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3 Responses

  1. यह कथन बिलकुल सही है; जो अपना दिमाग रखता है, वही अपना दिमाग बदल सकता है ।

    1. अनेकांत प्रगति में बाधक नहीं होता,
      बल्कि सोच को परिपक्वता देता है/उर्ध्वन्नति में सहायक होता है ।
      परिणमन तो सिद्धों में भी होता​ है, बस उच्चतम स्तर के horizontal plane में होता है ।

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