किसी ने पूछा – भगवान दु:ख दूर करते हैं ?
साधु ने कहा -ना रे ! भगवान किसी का दुःख दूर नहीं करते ! यदि दु:ख दूर ही करना होता, तो देते ही क्यों ?
फिर दुःख दूर कौन करता है ?
साधु – भगवान का “नाम” दु:ख दूर करता है । उनके “स्मरण” में मन का “रमण” होने लगे तो दुःख का “मरण” निश्चित है!
सुरेश
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है
भगवान् किसी को न सुख और न दुख देते हैं बल्कि यह सब कमोॅ के अधीन है। जो लोग धर्म से जुडते हैं उनको भगवान् को स्मरण करने पर दुखों का निवारण हो सकता है।
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है
भगवान् किसी को न सुख और न दुख देते हैं बल्कि यह सब कमोॅ के अधीन है। जो लोग धर्म से जुडते हैं उनको भगवान् को स्मरण करने पर दुखों का निवारण हो सकता है।