त.सूत्र जी के 4.19 पढ़ाते समय बताया गया था कि 1,2 स्वर्ग के 60लाख जिनालय जबकि पूरे वैमानिकों के 84,97,023 यानी 3 से लेकर ऊपर की संख्या बहुत कम है। Reply
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मुनि महाराज जी ने देवों की संख्या का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है!
Isme ‘सौधर्म/ ईशान’ ki hi kyun baat ki, baaki ‘वैमानिक’ devon ki kyun nahin ?
त.सूत्र जी के 4.19 पढ़ाते समय बताया गया था कि 1,2 स्वर्ग के 60लाख जिनालय जबकि पूरे वैमानिकों के 84,97,023
यानी 3 से लेकर ऊपर की संख्या बहुत कम है।
Okay.