दौलत
दौलत ऐसी तितली है जिसे पकड़ते-पकड़ते हम अपनों/ भगवान से दूर निकल जाते हैं।
(सुरेश)
दौलत ऐसी तितली है जिसे पकड़ते-पकड़ते हम अपनों/ भगवान से दूर निकल जाते हैं।
(सुरेश)
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2 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि दौलत ऐसी तितली है, जिसे पकडते पकडते भगवान् एवं गुरुओं से दूर हो जाते हैं। अतः जीवन में आवश्यकता अनुसार कमाओ एवं उसके साथ भगवान् एवं गुरुओं पर श्रद्वान करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
जीवन का तो अंत है,
दौलत का नहीं अंत।
मन को निस्पृह कीजिए,
पैदा करिए संत।।