द्रव्य तथा गुण पृथक नहीं। पर्याय गुण की भी जैसे केवल ज्ञान, पर्याय द्रव्य की भी जैसे सिद्ध भगवान।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (शंका समाधान– 36)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने द़व्य, गुण, पर्याय को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
Is post me 1st line, 2nd aur 3rd line se independent hai na ? Ise clarify karenge, please ?
Yes.
Okay.
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *
Website
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...In order to pass the CAPTCHA please enable JavaScript.
4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने द़व्य, गुण, पर्याय को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
Is post me 1st line, 2nd aur 3rd line se independent hai na ? Ise clarify karenge, please ?
Yes.
Okay.