धर्मध्यान
गृहस्थ हर समय धर्मध्यान करे तो गृहस्थी नष्ट (जैसे साधु की)।
धर्मध्यान न करे तो गृहस्थी भ्रष्ट।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
गृहस्थ हर समय धर्मध्यान करे तो गृहस्थी नष्ट (जैसे साधु की)।
धर्मध्यान न करे तो गृहस्थी भ्रष्ट।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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4 Responses
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने धर्मध्यान का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए श्रावक से मुनि बनने का प़यास करना चाहिए ताकि धर्मध्यान हो सकता है।
‘गृहस्थी भ्रष्ट se better hai, गृहस्थी नष्ट hona, right ?
जिनके अंदर गृहस्थी नष्ट होने पर भी भाव खराब न हों,उनके लिए नष्ट होना बेहतर है।
Okay.