धर्म साता के साथ… पुण्य + साता का बंध
धर्म असाता के साथ… पुण्य + असाता का बंध
अधर्म असाता के साथ… पाप + असाता का बंध
अधर्म साता के साथ… पाप + साता का बंध
जैसा बंध वैसा ही पुण्य/ पाप फल साता/ असाता के साथ मिलेगा।
चिंतन
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चिंतन में जो उदाहरण धर्म अर्धम, पुण्य तथा साता, असाता के लिए दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में धर्म में आस्था एवं विश्वास रखेंगे वही पुण्य पाप एवं साता का अनुभव मिल सकता है वह जीवन का कल्याण कर सकता है!
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चिंतन में जो उदाहरण धर्म अर्धम, पुण्य तथा साता, असाता के लिए दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में धर्म में आस्था एवं विश्वास रखेंगे वही पुण्य पाप एवं साता का अनुभव मिल सकता है वह जीवन का कल्याण कर सकता है!