यह कथन सत्य है कि धर्म को श्रमण निर्लोभी से ही सुनना चाहिए ताकि निर्मोही होकर और निर्लोभी बनने के लिए उचित होगा। Reply
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यह कथन सत्य है कि धर्म को श्रमण निर्लोभी से ही सुनना चाहिए ताकि निर्मोही होकर और निर्लोभी बनने के लिए उचित होगा।