धर्म
धर्म संसार की चकाचौंध से दूर तो नहीं कर सकता।
पर धर्मरूपी (धूप का) चश्मा लगाने से आँखें खराब नहीं होंगी।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
धर्म संसार की चकाचौंध से दूर तो नहीं कर सकता।
पर धर्मरूपी (धूप का) चश्मा लगाने से आँखें खराब नहीं होंगी।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
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One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने धर्म का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए धर्म पर श्रद्वा रखकर पालन करना परम आवश्यक है।