धर्म
दया/ क्षमा धर्म कैसे ?
धर्म की अंतिम परिभाषा –> वस्तु का स्वभाव ही धर्म है।
दया/ क्षमा आत्मा का स्वभाव है, इस अपेक्षा से दया/ क्षमा धर्म हुआ।
चिंतन
धम्मो वत्थुसहावो,
खमादिभावो दसविहो धम्मो।
रयणत्तयो च धम्मो,
जीवाणु रक्खणो धम्मो।।
-कार्तिकेयानुप्रेक्षा
धर्म क्षमा आदि दशविध ( दस लक्षण वाला) है।
यह दूसरी परिभाषा हुई।
कमल कांत
One Response
चिंतन में धर्म को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए धर्म से जुडना परम आवश्यक है। ताकि अहिंसा का पालन हो सकता है।