यह पद तुलसीदास की रामायण में उल्लेख है।इस पद में नारी को वासना रुप में माना गया है।नारी को धर्म में मातृत्व रुप माना जाता है जो पूज्यनीय होती है। Reply
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यह पद तुलसीदास की रामायण में उल्लेख है।इस पद में नारी को वासना रुप में माना गया है।नारी को धर्म में मातृत्व रुप माना जाता है जो पूज्यनीय होती है।