जीवन में किसी कार्य होने में निमित्त और उपादान सहायक होते हैं। निमत्त का मतलब जो कार्य होने में सहयोग करे या निमत्त को कारण कहते हैं।
अतः उचित निमित्त के तदानुसार ही कार्य होता है। इसलिए सही निमित्त को मित्र कहा गया है। जीवन में अच्छे मित्र मिल जाने पर उचित कार्य हो जाते हैं।
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जीवन में किसी कार्य होने में निमित्त और उपादान सहायक होते हैं। निमत्त का मतलब जो कार्य होने में सहयोग करे या निमत्त को कारण कहते हैं।
अतः उचित निमित्त के तदानुसार ही कार्य होता है। इसलिए सही निमित्त को मित्र कहा गया है। जीवन में अच्छे मित्र मिल जाने पर उचित कार्य हो जाते हैं।