Only two things are guaranteed in life-
a beginning and an end.
यानि पूरे जीवन में से 2 पल नियत/ destined हैं,
बाकी सारा जीवन अनियत/ पुरुषार्थ के अधीन है ।
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नियति का मतलब जीव के द्वारा जिस कर्म का उत्कर्ष या अपकर्षण तो संभव है,पर संक्रमण होना संभव नहीं है उसे नियत कर्म कहते हैं। लेकिन यह अवश्य है कि जिनबिंब के दर्शन से कर्मों का नियत फल नष्ट हो जाता है। अतः उक्त कथन सत्य है यानी पूरे जीवन में दो पल नियत होते हैं जबकि सारा जीवन अनियत और पुरूषार्थ के अधीन रहता है।
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नियति का मतलब जीव के द्वारा जिस कर्म का उत्कर्ष या अपकर्षण तो संभव है,पर संक्रमण होना संभव नहीं है उसे नियत कर्म कहते हैं। लेकिन यह अवश्य है कि जिनबिंब के दर्शन से कर्मों का नियत फल नष्ट हो जाता है। अतः उक्त कथन सत्य है यानी पूरे जीवन में दो पल नियत होते हैं जबकि सारा जीवन अनियत और पुरूषार्थ के अधीन रहता है।