नियोग

नियोग यानि निश्चित/अनिवार्य !

आचार्य श्री विद्यासागर जी

Share this on...

One Response

  1. योग- -मन, वचन और काय के द्वारा होने वाले आत्म-प़देशो के परिस्पन्द को कहते हैं। यह योग शुभ और अशुभ दोनों रुप होते हैं ।
    यह कथन सत्य है… नियोग यानी निश्चित और अनिवार्य ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives

December 11, 2019

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930