निर्वतना यानि रचना, दो प्रकार –
1. मूलगुण निर्वतना – शरीर, वचन, मन की।
जैसे Face की Plastic Surgery, वचन की नकल, अलौकिक शक्ति पाने प्राण/अपान पर Extra Load/जोर।
2. उत्तर गुण निर्वतना – मन, वचन, काय से भिन्न रचना जैसे Painting.
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थसूत्र 6/10)
Share this on...
2 Responses
‘अलौकिक शक्ति पाने प्राण/अपान पर Extra Load/जोर।’ Is sentence ka meaning thoda aur clarify karenge, please ?
2 Responses
‘अलौकिक शक्ति पाने प्राण/अपान पर Extra Load/जोर।’ Is sentence ka meaning thoda aur clarify karenge, please ?
प्लास्टिक सर्जरी आदि से प्राकृतिक चीजों के खिलाफ जाने में आपके प्राण आहत होंगे या नहीं !
श्वासोच्छवास पर भी जोर पड़ेगा।