नेकी

एक काफिला सफ़र के दौरान अँधेरी सुरंग से गुजर रहा था ।
उनके पैरों में कंकरिया चुभी, कुछ लोगों ने इस ख्याल से कि किसी और को ना चुभ जाये, नेकी की खातिर उठाकर जेब में रख ली । कुछ ने ज्यादा उठाई कुछ ने कम । जब अँधेरी सुरंग से बाहर आये तो देखा वो हीरे थे ।जिन्होंने कम उठाये वो पछताए कि ज्यादा क्यों नहीं उठाए । जिन्होंने नहीं उठाए वो और पछताए ।
दुनिया में जिन्दगी की मिसाल इस अँधेरी सुरंग जैसी है और नेकी यहाँ कंकरियों की मानिंद है । इस जिंदगी में जो नेकी की वो आखिर में हीरे की तरह कीमती होगी और इन्सान तरसेगा कि और ज्यादा क्यों ना की ।

श्रीमति नीलम – दिल्ली

Share this on...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

January 23, 2014

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031