पंचम काल में ज्यादातर एक आँख वाले ही पैदा होते हैं, छठे काल में अंधे।
पहली आँख की रोशनी से सम्यग्दर्शन/ अष्टमूल गुण पालन, दूसरी आँख में किसी-किसी के चारित्र की रोशनी आ जाती है।
कम से कम हम पहली आँख की रोशनी को तो बचाये रखें!
मुनि श्री मंगलसागर जी महाराज
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3 Responses
मुनि मंगलसागर महाराज जी ने पंचम काल को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि मंगलसागर महाराज जी ने पंचम काल को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
‘अष्टमूल गुण पालन’ kya ‘चारित्र’ ka vishay nahi hai?Ise clarify karenge, please ?
नहीं,
देशचरित्र ही पंचम गुणस्थान में कहा है।