आपको जीवन से जो कुछ भी मिले उसे पचाना सीखो…
क्योंकि…
*भोजन* न पचने पर रोग …!
पैसा न *पचने* पर दिखावा …!
बात न *पचने* पर चुगली …!
प्रशंसा न *पचने* पर अंहकार ….!
निंदा न *पचने* पर दुश्मनी …!
राज़ न *पचने* पर ख़तरा …!
दुःख न *पचने* पर निराशा …!
और
सुख न *पचने* पर पाप बढ़ता है…!
(सुरेश)
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One Response
उपरोक्त कथन सत्य है कि आजकल लोग किसी भी चीज को पचाने की क्षमता नहीं रखते हैं जिसके कारण जीवन सफल नहीं होता है। जीवन में सफल होना है तो कोई परिस्थित चाहे भोजन, पैसा,निंदा, प़शंसा, राज, सुख और दुख आदि हो उसे पचाने की क्षमता रखनी होगी। पचाने की क्षमता रखने वाले का ही कल्याण हो सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि आजकल लोग किसी भी चीज को पचाने की क्षमता नहीं रखते हैं जिसके कारण जीवन सफल नहीं होता है। जीवन में सफल होना है तो कोई परिस्थित चाहे भोजन, पैसा,निंदा, प़शंसा, राज, सुख और दुख आदि हो उसे पचाने की क्षमता रखनी होगी। पचाने की क्षमता रखने वाले का ही कल्याण हो सकता है।